देवों के देव महादेव का सबसे प्रिय महीना सावन चल रहा है। वैसे तो इस महीने का हर एक दिन बहुत शुभ हैं लेकिन, सावन सोमवार और शिवरात्रि का विशेष महत्व है। सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक या फिर जलाभिषेक करने का बहुत ज्यादा महत्व होता है। शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के सभी संकट दूर होते हैं। इस बार भी सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को है। शिवरात्रि के दिन बहुत से लोग व्रत रखने से मनुष्य को शिवलोक की प्राप्ति होती है और जाने अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। जैसा की शिवरात्रि व्रत कथा के अनुसार, शिकारी भी पाप मुक्त हो गया था और अगले जन्म में राजा बना था। कहते हैं शिवरात्रि का व्रत रखने से मनुष्य अगले जन्म में उत्तम कुल में जन्म लेता है और राजा के समान जीवन जीता है। आइए जानते हैं शिवरात्रि की व्रत कथा।
The favorite month of Lord Mahadev, the God of Gods, is going on in Sawan. Although every single day of this month is very auspicious, but Sawan Monday and Shivratri have special significance. Rudrabhishek or Jalabhishek of Lord Shiva on the day of Sawan Shivratri has a lot of significance. By doing Rudrabhishek on the day of Shivratri, all the troubles of a person are removed. This time also Shivratri of Sawan is on 26th July. By observing a fast on the day of Shivaratri, a person attains Shivalok and gets freedom from the sins committed unknowingly. As per the Shivaratri fasting story, the hunter was also freed from sin and became the king in the next life. It is said that by observing the fast of Shivratri, a person is born in the next birth in the best family and lives like a king. Let us know the fast story of Shivratri.
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